महामंडलेश्वर नरहरि दास महाराज को संतों ने किया नमन

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April 6, 2023

गुरूदेव अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत थे, सदैव विरक्त परम्परा का निर्वहन किया: महंत प्रशांत दास शास्त्री 

अयोध्या। रामनगरी के काैशल किशाेर भवन, शास्त्रीनगर के पूर्वाचार्य महंत महामंडलेश्वर नरहरि दास महाराज की पुण्यतिथि पर संताें ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि महामंडलेश्वर श्री नरहरि दास जी महाराज का जन्म 1946 में कानपुर देहात के नुगरी गांव में हुआ था। श्री महाराज जी बचपन से ही समाज कार्य और संतों की सेवा में रुचि रखते थे। संत श्री तुलसीदास रामलीला समिति के स्वागत अध्यक्ष का कार्य भी दशकों तक श्री महाराज जी ने संभाला और निरंतर संतों की सेवा करते रहते थे। प्रयागराज में श्री महाराज जी प्रतिवर्ष माघ मेले में कैंप लगाते थे और 12 वर्षों पर पड़ने वाले कुंभ में भी श्री महाराज जी बढ़-चढ़कर भाग लेते थे और निरंतर संत सेवा समाज सेवा गौ सेवा करते रहते थे।

आश्रम के वर्तमान महंत प्रशांत दास शास्त्री ने कहा कि उनके गुरूदेव अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत थे। उन्हाेंने सदैव विरक्त परम्परा का निर्वहन किया। वह एक सामाजिक व्यक्ति थे, जिसके कारण उनका समाज सेवा से जुड़ाव रहा। गाै, संत, विद्यार्थी, आगंतुक आदि सेवा की ओर विशेष ध्यान रखते थे। उनके बारे में जितना कहा जाए वह कम ही हाेगा।उन्हाेंने कहा कि मैं अपने गुरूदेव भगवान की बतलाई हुई बाताें का अनुसरण कर मंदिर के उत्तराेत्तर विकास में संकल्पित हूं। महंत प्रशांत दास शास्त्री ने श्री महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने आए संतों का स्वागत किया। इस अवसर पर श्री राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास , बावन मंदिर के महंत वैदेही बल्लभ शरण, कामधेनु आश्रम के महंत महामंडलेश्वर आशुतोष दास, अधिकारी छविराम दास, महंत राजू दास, महंत शशिकांत दास, महंत मनीष दास सहित सैकड़ों संतों महंतों ने श्री महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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