हनुमान बाग मंदिर में श्रीमद्वावाल्मीकीय रामायण महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ


अन्तर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ के तत्वावधान में इस्कॉन कुरुक्षेत्र द्धारा हो रहा महोत्सव
अयोध्या। वाल्मीकीय रामायण सृष्टि का प्रथम महाकाव्य है। राम केवल व्यक्ति की संज्ञा नही अपितु एक जीवन-पद्धति की संज्ञा है।महर्षि वाल्मीकि ने राम के चरित्र को मानवीयता के धरातल पर चित्रित किया है।वाल्मीकीय रामायण का प्राण जानकी का चरित्र है। उक्त बातें श्रीमन् साक्षी गोपाल दास अध्यक्ष इस्कॉन कुरुक्षेत्र ने हनुमान बाग में श्रीमद्वावाल्मीकीय रामायण कथा महोत्सव के प्रथम दिवस में कथा शुभारंभ के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि जानकी जी की वेदना को महर्षि वाल्मीकि ने अभिव्यक्ति दी है।वेदना के विना हम मानव कहलाने के अधिकारी नहीं हैं।श्रीजानकी का चरित्र करूणा का चरित्र है।श्रीजानकी चरित्र श्रवण का फल यह है कि हृदय में करूणा का अवतरण हो जाये।
यह महोत्सव अन्तर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ के तत्वावधान में इस्कॉन कुरुक्षेत्र द्धारा हो रहा है। इस महोत्सव को भक्ति मय से परिपूर्ण बनाने में इस्कॉन के वर्तमान आचार्य श्रील् गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज एवं श्रीमन् महामन दास अपना आशीर्वाद देगें। महोत्सव की अध्यक्षता हनुमान बाग मंदिर के भजनानंदी संत महंत जगदीश दास महाराज कर रहें। कार्यक्रम की देखरेख सुनील दास व रोहित शास्त्री कर रहें। कथा से पूर्व मंदिर से कलश यात्रा गाजे बाजे के साथ निकली। आयोजन के यजमान अतुल कृष्ण दास, गोविंद कृष्ण दास, भावना गोयल,नीरज गोयल, मीनू नरुला,अशोक नरुला, दीक्षा अरोड़ा, साधना सचदेवा, संतोष शर्मा, कृष्ण शर्मा, राज रानी, चरण दास सैनी, ममता अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, गीता शर्मा, राजीव मोहन, वीना ग्रोवर, अशोक ग्रोवर, कमलाप्रिय देवी दासी, मनु कृष्ण दास, अर्चना मित्तल, पवन मित्तल, नीता गुप्ता, महेंद्र गुप्ता, मधु सिंगला, हरबंस लाल सिंगला, स्नेह गुप्ता, बृजमोहन गुप्ता, सुभद्रा लीली देवी दासी,कृष्ण सेवक दास, रामेश्वरी दया देवी दासी, नीलम मग्गु, अशोक मग्नु, जमना देवी, सुदेश सचदेवा, मोहिनी देवी दासी, अनुराधा लक्ष्मी देवी दासी, डा राजेश तिवारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहें।