अयोध्या। भगवान नारायण भगवान राम जी का नाम स्मरण करने मात्र से ही करोड़ों करोड़ों जन्मों के पाप मुक्त हो जाता है इसलिए राम कथा सुननी चाहिए। स्कंद पुराण में श्रीमद् वाल्मीकि रामायण का महत्व दिया गया है। उक्त बातें श्रीमान साक्षी गोपाल दास जी अध्यक्ष इस्कॉन मंदिर धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र ने प्रसिद्ध पीठ हनुमान बाग में चल रहें श्रीमद् वाल्मीकि रामायण कथा कही। व्यास जी ने कहा कि श्री वाल्मीकि जी ने नारद जी से पूछा कि इस संसार में इस समय सबसे ज्यादा गुणवान, सबसे ज्यादा वीर्यवान, सबसे ज्यादा चरित्रवान, सबसे ज्यादा विद्यावान कौन है सदाचार से युक्त, सभी जीवो का प्रेमी, मन पर अधिकार रखने वाला, क्रोध पर कंट्रोल करने वाला कौन है मैं यह जानना चाहता हूं। साक्षी गोपाल दास ने कहा कि महाऋषि वाल्मीकि जी भगवान के 16 गुणों के बारे में बात कर रहे हैं महा ऋषि वाल्मीकि जी की ऐसी जिज्ञासा को सुनकर नारदजी बहुत प्रसन्न हुए।
नारद जी ने बताया कि जिन 16 गुणों के बारे में आप पूछ रहे हो इस समय इक्षवाकु कुल में श्री राम जी पूरे 16 गुणों से युक्त है और नारद जी ने पूरे 100 श्लोकों में भगवान श्री राम जी के बारे में उनके चरित्र के बारे में वर्णन किया और जो इस वर्णन को पड़ता है उसके जन्मो जन्मो के कष्ट दूर हो जाते हैं। ब्रह्मा जी वाल्मीकि जी को कह रहे हैं कि जब तक पृथ्वी पर नदी का प्रवाह रहेगा तब तक श्री राम कथा का प्रचार होता रहेगा। भगवान श्री राम जी का चरित्र तो मंगल करने वाला है इतने पवित्र चरित्र की रचना करने के लिए कोई मंगलाचरण की आवश्यकता नहीं है इसलिए श्री वाल्मीकि जी ने सीधा लिखना शुरू कर दिया। श्रीमद् वाल्मीकि रामायण जी में 24000 श्लोक, 500 शर्क, और 7 कांड है। प्रभु जी ने बताया कि जिस प्रकार काशी नगरी शिव के त्रिशूल पर बनी हुई है उस पर जो अयोध्या नगरी है वह भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र के ऊपर विराजमान है और अयोध्या नगरी को भगवान का मस्तिष्क भी कहा गया है।अयोध्या नगरी भगवान के धाम से आयी हुई नगरी है और यह चिन्मय है और यहां के वासी भी चिन्मय में है। यह महोत्सव हनुमान बाग के भजनानंदी संत महंत जगदीश दास के सानिध्य व सुनील दास, रोहित शास्त्री, नितेश शास्त्री के देखरेख में हो रहा। इस मौके पर दीक्षा अरोड़ा,साधना सचदेवा, संतोष शर्मा, कृष्ण शर्मा , मीनू नरूला,अशोक नरूला ने दीप प्रज्वलित कर और प्रभु जी को माल्यार्पण करके आशीर्वाद प्राप्त किया।