निष्काम भक्ति से परमात्मा की प्राप्ति जरूर होती है: प्रभंजनानन्द

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December 6, 2022

सियारामकिला झुनकी घाट में बह रही श्रीमद् भागवत कथा की रसधार

अयोध्या। मां सरयू के पावन तट स्थित श्री सियारामकिला झुनकी घाट में श्रीमद् भागवत कथा के द्धितीय दिवस पर कथाव्यास सियारामकिला के अधिकारी प्रख्यात कथावाचक प्रभंजनानन्द शरण  जी महाराज प्रभुजी ने कहा कि सत्यं परमं धीमहि इस संसार में एक ईश्वर ही सत्य है जो दिख रहा है वह केवल वह प्रभु की माया है। भागवत की उत्पत्ति के बारे में बताया सुखदेव भगवान को श्री व्यास जी महाराज ने भागवत को प्रदान किया वही भागवत कथा आज हम सब को सुनने को मिल रही है। प्रभंजनानन्द जी के बताया कि परमात्मा इस संसार में अपने भक्तों की रक्षा के लिए अनेक, अनेक अवतार लेकर आते भागवत में चौबीस अवतारो के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों के लिए सबकुछ करने के लिए तैयार रहते है। उदाहरण में पांडबो के लिए भगवान सारथी बने। महाभारत की कथा में के बारे में भी महाराज जी ने कहा कि कौरव और पांडवों के युद्ध में विजय सत्य की ही होती है। जिसके रक्षक प्रभु होते हे उसे इस संसार में कोई नहीं हरा सकता। महाराज जी ने पांडवों की कथा को बताया अपने कल्याण के लिए परमात्मा की भक्ति ही एक उपाय हे भक्ति को दो प्रकार की बताया निष्काम  भक्ति और सकाम भक्ति। निष्काम भक्ति से परमात्मा की प्राप्ति जरूर होती है। यह महोत्सव सियारामकिला के महंत करुणानिधान शरण जी महाराज के अध्यक्षता में हो रहा है। कथा से पूर्व व्यासपीठ का पूजन आयोजक विकास कुमार हथदह पटना ने किया। यह कथा महोत्सव स्व मुरारी सिंह जी की पावन स्मृति में हो रहा है। इस मौके पर सियारामकिला झुनकी घाट के संत साधक व शिष्य परिकर मौजूद रहें।

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