हनुमान बाग महंत जगदीश दास के सानिध्य में चल रहा महोत्सव


अयोध्या। महर्षि वाल्मीकि तब तक रामायण की रचना नहीं कर पाये जब तक श्रीजानकी वाल्मीकि के आश्रम पर नहीं गयी।काव्य विना पीड़ा के प्रकट नहीं होता।महर्षि वाल्मीकि के हृदय में इतनी करुणा का उदय हुआ कि एक बहेलिये के बाण से मरे क्रौंच पक्षी को देखकर उनका हृदय रो उठा और सहसा एक शोक प्रकट हुआ जो श्लोक बन गया।दुनिया की पहली कविता वाल्मीकि की पीड़ा से प्रकट हुयी।पर इतनी पीड़ा करूणामयी जानकी के चरित्र को लिखने में समर्थ नहीं हो पायी।अत: श्रीराम ने जानकी को महर्षि वाल्मीकि के आश्रम पर भेजा।जब महर्षि वाल्मीकि ने श्रीसीता की पीड़ा देखी तो हृदय में इतनी करूणा आयी कि वो रामायण लिखने में समर्थ हो गये। उक्त बातें श्रीमन् साक्षी गोपाल दास अध्यक्ष इस्कॉन कुरुक्षेत्र ने हनुमान बाग में श्रीमद्वावाल्मीकीय रामायण कथा महोत्सव के द्धितीय दिवस में कही। साक्षी गोपाल दास जी श्रीमद्वावाल्मीकीय रामायण की कथा को समझाते हुए कहा कि प्रश्न है कि श्रेष्ठ चरित्र किसका है?या श्रेष्ठजन किसके चरित्र का गान करते हैं?यह हमारे और आपके मन में उठने वाला ही प्रश्न नहीं है महर्षि वाल्मीकि से लेकर गोस्वामी श्रीतुलसीदास जी तक सबके मन में यही प्रश्न था।इसका उत्तर आप ढूँढने चलेंगे तो सबसे पहले जो बात आपके मन में आयेगी वो ये कि किसी के चरित्र को श्रेष्ठ माना जाय इसकी कसौटी क्या है?श्रीराम के अवतार से पहले शास्त्रों ने श्रेष्ठ चरित्र किसका माना जाय इसकी बहुत सी कसौटियाँ रखी हैं। उन्होंने कहा कि चरित्र का बल व्यक्ति को प्रभावी बनाता है। उन्होंने कहा कि संसार में बहुत सारे लोग शरीर और स्वभाव से सौन्दर्यवान् होते हैं लेकिन चरित्र से दुर्बल होते हैं।चरित्र की कमज़ोरी सौन्दर्य के सारे गौरव को नष्ट कर देती है।श्रीराम का चरित्रबल ही उन्हें समस्त सृष्टि-जीवन में विशिष्ट बनाता है। यह महोत्सव अन्तर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ के तत्वावधान में इस्कॉन कुरुक्षेत्र द्धारा हो रहा है। इस महोत्सव को भक्ति मय से परिपूर्ण बनाने में इस्कॉन के वर्तमान आचार्य श्रील् गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज एवं श्रीमन् महामन दास अपना आशीर्वाद देगें। महोत्सव की अध्यक्षता हनुमान बाग मंदिर के भजनानंदी संत महंत जगदीश दास महाराज कर रहें। कार्यक्रम की देखरेख सुनील दास व रोहित शास्त्री कर रहें।आयोजन के यजमान अतुल कृष्ण दास, गोविंद कृष्ण दास, भावना गोयल,नीरज गोयल, मीनू नरुला,अशोक नरुला, दीक्षा अरोड़ा, साधना सचदेवा, संतोष शर्मा, कृष्ण शर्मा, राज रानी, चरण दास सैनी, ममता अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, गीता शर्मा, राजीव मोहन, वीना ग्रोवर, अशोक ग्रोवर, कमलाप्रिय देवी दासी, मनु कृष्ण दास, अर्चना मित्तल, पवन मित्तल, नीता गुप्ता, महेंद्र गुप्ता, मधु सिंगला, हरबंस लाल सिंगला, स्नेह गुप्ता, बृजमोहन गुप्ता, सुभद्रा लीली देवी दासी,कृष्ण सेवक दास, रामेश्वरी दया देवी दासी, नीलम मग्गु, अशोक मग्नु, जमना देवी, सुदेश सचदेवा, मोहिनी देवी दासी, अनुराधा लक्ष्मी देवी दासी, डा राजेश तिवारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहें।