भक्ति करने का उत्तम साधन है श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करना: रामानुजाचार्य
रामलला सदन देवस्थानम में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ शुभारंभ
भागवत कथा की महिमा का जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी डा राघवाचार्य जी महाराज ने सुनाई
अयोध्या। रामलला सदन देवस्थानम में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ शुभारंभ। रामनगरी के प्रतिष्ठित संतो महंतों ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रथम दिवस कथा के शुभारंभ करते हुए रामलला सदन देवस्थानम पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉ स्वामी राघवाचार्य महाराज श्रीमद् भागवत कथा के महात्मा का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा अमृत कथा है जिसके श्रवण से मनुष्य भवसागर के पार हो जाता है।
जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉ स्वामी राघवाचार्य महाराज ने श्रीमद् भागवत का मंगलाचरण करते हुए कहा कई जन्मों के संचित पुण्य उदित होते हैं तब सप्तपूरियों में प्रतिष्ठित श्री अवधपुरी में भगवान के जीवन चरित्र को सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है इस कली काल में भक्ति करने का उत्तम साधन है। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करना प्रभु के नाम का चिंतन स्मरण करना एवं परोपकार की भावना से कार्य करना हम सभी जीव धन्य हैं जो देव दुर्लभ भारत भूमि में हम सब ने जन्म लिया है। मनुष्य के स्वरूप को पाया है यह वह पवित्र भूमि है जिसका गुणगान देवगण स्वर्ग लोक में भी करते हैं। श्रीमद्भागवत कथा से ईह लौकिक एवं पारलौकिक सुखों की प्राप्ति होती है शरणागत रक्षक है।प्रभु मां उत्तरा के गर्भ में भागवत के उत्तम श्रोता महाराज परीक्षित की प्रभु ने रक्षा की। कथा शुभारंभ के पहले यजमान ने व्यास पीठ और व्यास पीठ पर विराजमान जगतगुरु स्वामी डॉ राघवाचार्य का पूजन अर्चन कर आरती उतारी। इस मौके पर राजेश मिश्रा, सिब्बू मिश्रा, अप्पू, मनोज जी सहित बड़ी संख्या में कथा प्रेमी मौजूद रहें।