सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक: राजेन्द्र प्रसाद पांडेय

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June 4, 2025

सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक: राजेन्द्र प्रसाद पांडेय

कहा, संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं, वह सबके संकटों को हर लेते और भक्तों का कल्याण करते हैं

श्रीसीता रामीय मंदिरम सेवा ट्रस्ट नजरबाग में ज्येष्ठ मास के बड़े मंगलवार पर हनुमानजी की विशेष पूजा किया गया, भक्तों को प्रसाद वितरित भी हुआ

अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या धाम के श्रीसीता रामीय मंदिरम सेवा ट्रस्ट नजरबाग के अध्यक्ष एवं बजरंगबली के अनन्य भक्त राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने ज्येष्ठ माह के चौथे बड़े मंगलवार पर कहा कि संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं। वह सबके संकटों को हर लेते और भक्तों का कल्याण करते हैं। अपने भक्तों पर कभी विपत्ति नही आने देते हैं। ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को पूजा करने से हनुमान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। हर संकट दूर करते हैं। इस दिन बजरंगबली की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बड़े मंगलवार पर हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना विशेष पुण्यदायक माना गया है। उन्होंने कहा कि एक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ मास के मंगलवार को ही भगवान श्रीराम व हनुमान का प्रथम मिलन हुआ था। जो धर्म एवं भक्ति के महान संबंध की शुरुआत मानी जाती है। एक अन्य कथा महाभारत काल से जुड़ी है, जिसमें कहा जाता है कि ज्येष्ठ मास के एक मंगलवार को हनुमान जी ने भीम का घमंड तोड़ा था। वहीं, मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी को अमरता का वरदान भी ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को ही प्राप्त हुआ है। वे सात चिरंजीवियों में एक हैं और माना जाता है कि आज भी वे जीवित हैं। भक्तों की रक्षा कर रहे हैं। इस कारण भी इस दिन को बड़ा मंगल कहा जाता है। बड़े मंगल पर हनुमान की पूजा का खास महत्व होता है। इस दिन हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उन्हें गुलाब की माला अर्पित करें। आज के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। गर्मी के चरम पर होने के कारण, यह वह समय है जब भारत भर में भक्त शक्ति और आशीर्वाद के लिए भगवान हनुमान की ओर रुख करते हैं। विशेष रूप से मंगलवार को, जिसे बड़ा मंगल के रूप में जाना जाता है। श्री पांडेय ने कहा कि हनुमान जी की भक्ति में अवश्य मन लगाएं। वह हमारा उद्धार करेंगे। उनके जैसा दूसरा और कोई नही है। बजरंगबली को अयोध्या का राजा भी कहा जाता है।