अयोध्या। बेनीगंज फेस तीन अयोध्या में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के द्वितीय दिवस कथा में अमरकथा और शुकदेवजी के जन्म का वृतांत का विस्तार से वर्णन किया गया। कथा प्रवक्ता आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि आप सब पर ठाकुरजी की कृपा है। जिसकी वजह से आप आज कथा का आनंद ले रहे है। कथा सुनने का अवसर गोविंद प्रदान करते हैं।कथा में यह भी बताया कि अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं, कुछ सीखना चाहते है तो कथा में प्यासे बन कर आए, कुछ सीखने के उद्देश्य से, कुछ पाने के उद्देश्य से आएं, तो ये भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ देगी। मनुष्य का जीवन सांसारिक भोग में नहीं कृष्णभक्ति में बिताएं। मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है, लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है। आचार्य जी ने कहा कि उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है। मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति शाश्वत है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है।उन्होंने कहा कि भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है। भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आए हैं। जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है, भागवत उसका सदैव कल्याण करती है। उन्होंने कहा कि बिना जाति और बिना मजहब देखे इनसे आप जो मांगे यह आपको वो मनवांछित फल देती है और अगर कोई कुछ न मांगे तो उसे मोक्ष पर्यंत तक की यात्रा कराती है। मुख्य यजमान हरीराम पाण्डेय, अयोध्या प्रसाद पाण्डेय,हरी प्रसाद पाण्डेय, शिवकुमार सिंह,डा.दिलीप सिंह, राम जग पाठक, संदीप खरे, जग्गू राम, अजीत सिंह, पतिराम वर्मा, शैलेन्द्र पाण्डेय, आचार्य सचिदानंद मिश्र, आचार्य अनिरूद्ध शुक्ल, युवा भाजपा नेता अटल तिवारी, इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।