उत्सव महोत्सव जीवन में भक्ति मार्ग को बढ़ाता है: डा राघवाचार्य

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January 11, 2023

कारसेवक पुरम में सप्त दिवसीय भव्य बृज अवध महा मिलन महोत्सव का हुआ शुभारंभ

व्यासपीठ से प्रख्यात कथावाचक स्वामी इंद्रेश महाराज श्रीमद् भागवत कथा की करेंगे अमृत वर्षा

अयोध्या। रामनगरी में बृज अवध मिलन का अद्वितीय महोत्सव आज से समारोह पूर्वक शुरु हो गया। भगवान श्री राम की जन्म स्थली रामनगरी अयोध्या के कारसेवक पुरम में रामलला सदन देवस्थान पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानुजाचार्य डॉ स्वामी राघवाचार्य महाराज की पावन अध्यक्षता में विशिष्ट संतों ने दीप प्रज्वलित कर भव्य बृज अवध मिलन महोत्सव का शुभारंभ किया।महोत्सव में प्रख्यात कथावाचक स्वामी इंद्रेश महाराज द्वारा श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा कर रहे है।
इस महा महोत्सव में प्रतिदिन सुबह 6 श्री गिरधर लाल जी की मंगला आरती और 10 से श्रीमद् भागवत कथा के उपरांत 1 बजे राजभोग दर्शन और शाम 5 बजे श्री गिरिधर लाल जी की पालकी के साथ 8 बजे तक विविध विद्वान महापुरुषों के द्वारा अनेकों कार्यक्रम किए जाएंगे। स्वामी इंद्रेश महाराज ने बताया कि प्रथम दिवस बृज अवध मिलन महा महोत्सव होगा। द्वितीय दिवस की बेला में मणिपर्वत से हिंडोला तृतीय दिवस की बेला में चित्रकूट रास और चतुर्थ दिवस की सांध्य कालीन बेला में गिरिधर लाल जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। पंचम दिवस की बेला में श्री सीता रघुनाथ विवाह महोत्सव और षष्ठम दिवस की बेला में श्री रंगनाथ भगवान का महोत्सव मनाया जाएगा और सातवें दिन कथा के उपरांत ठाकुर जी अयोध्या से वृंदावन के लिए पधारेंगे।
इस अवसर पर जगतगुरु रामानुजाचार्य डॉ स्वामी राघवाचार्य महाराज ने बताया कि उत्सव महोत्सव जीवन में भक्ति मार्ग को बढ़ाता है इसीलिए सनातन परंपरा में निरंतर उत्सव की परंपरा बनाई गई है जिससे लोगों के जीवन में उल्लास बना रहे और मनुष्य ठाकुर जी के चरणों में अपने जीवन को समर्पित रखें। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अवध और बृज दो युगों के महापुरुषों की जन्म और कर्म स्थली है और उनके द्वारा किए गए लीलाओं द्वारा मानव समाज को प्रेरणा मिलती है। पूर्व सांसद निर्मल खत्री ने कहां की बृज और अवध दो अवतारों की कर्मभूमि है जिसका संगम आज अयोध्या जी में हो रहा है। व्यासपीठ से इंद्रेश महाराज श्रीमद् भागवत कथा के महत्व का वर्णन किया उसके पूर्व उन्होंने बताया कि यहां हम सब कथा नहीं बल्कि उत्सव मनाने आए है और श्री रघुनाथ जी की जन्मस्थली पर बृज और अवध महोत्सव का आनंद लेंगे उन्होंने बताया कि यह नंद बाबा और दशरथ महाराज, यमुना और सरयू और महान कवि सूरदास और तुलसीदास जी का महा मिलन है। इसलिए सभी लोग नृत्य करते हुए सभी उत्सव में उपस्थित होकर आनंद का लाभ उठाएं। इस अवसर पर दशरथ राजमहल बड़ा स्थान के महंत स्वामी बिंदुगघायचार्य स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य महाराज, जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश कुमार दास, मंगल भवन पीठाधीश्वर महंत कृपालु राम भूषण दास महाराज, नागा राम लखन दास सहित सैकड़ों संत महंत एवं श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।

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