विश्व के भाग्य की कपाट अयोध्या नगरी खोलेगी : वेदांती जी

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March 26, 2023

कहा, अयोध्या समाधान-मूलक है, व्यवस्था-मूलक है और धर्म की रक्षा करती है

सीताराम विवाह महोत्सव की कथा में ब्रह्मर्षि डॉ रामविलास दास वेदांती जी ने कहा,विवाह दो आत्माओं का पवित्र बन्धन है

हिंदू धाम में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन मंगलवार को, जुटेंगे देश के प्रख्यात कवि

अयोध्या। भारत से विश्व के भाग्य की कपाट कोई नगरी खोलेगी तो वह अयोध्या है। इसी से राष्ट्रोदय होगा, विश्व को नई दृष्टि मिलेगी, क्योंकि अयोध्या समाधान-मूलक है, व्यवस्था-मूलक है और धर्म की रक्षा करती है।भारत को राम जैसा आदर्श अयोध्या ने दिया है।अयोध्या भू वैकुण्ठ है।अयोध्या में आते ही व्यक्ति के भीतर का सारा युद्ध समाप्त हो जाता है जो युद्ध रहित है वही अयोध्या है।अयोध्या को देवताओं की पुरी कहा गया है और अयोध्या वासियो को साक्षात् जगन्नाथ का रूप। उक्त बातें ब्रह्मर्षि डॉ रामविलास दास वेदांती जी ने कही। श्री वेदांती जी हिंदू धाम में श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण कथा पंचम दिवस व्यासपीठ से कथा की अमृत वर्षा कर रहें।

ब्रह्मर्षि डॉ रामविलास दास वेदांती जी ने कहा कि भगवान श्रीसीताराम जी के विवाह ने ही दुनिया को विवाह संस्कार का आदर्श सिखलाया। उन्होंने कहा कि विवाह केवल स्त्री और पुरुष के गृहस्थ जीवन में प्रवेश का ही प्रसंग नहीं है बल्कि यह जीवन को संपूर्णता देने का अवसर है।श्रीराम के विवाह के जरिए हम विवाह की महत्ता और उसके गहन अर्थों से परिचित हो सकते हैं। महाराज जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में श्रीराम-सीता आदर्श दंपति हैं। श्रीराम ने जहां मर्यादा का पालन करके आदर्श पति और पुरुषोत्तम पद प्राप्त किया वहीं माता सीता ने सारे संसार के समक्ष अपने पतिव्रता धर्म के पालन का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।विवाह दो आत्माओं का पवित्र बन्धन है। दो प्राणी अपने अलग- अलग अस्तित्वों को समाप्त कर एक सम्मिलित इकाई का निर्माण करते हैं। स्त्री और पुरुष दोनों में परमात्मा ने कुछ विशेषताएँ और कुछ अपूर्णताएँ दे रखी हैं। विवाह सम्मिलन से एक- दूसरे की अपूर्णताओं को अपनी विशेषताओं से पूर्ण करते हैं, इससे समग्र व्यक्तित्व का निर्माण होता है। इसलिए विवाह को सामान्यतया मानव जीवन की एक आवश्यकता माना गया है। एक- दूसरे को अपनी योग्यताओं और भावनाओं का लाभ पहुँचाते हुए गाड़ी में लगे हुए दो पहियों की तरह प्रगति- पथ पर अग्रसर होते जाना विवाह का उद्देश्य है। हिंदू धाम रामजन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह महोत्सव वशिष्ठ भवन पीठाधीश्वर महंत राघवेश दास वेंदाती जी महाराज के संयोजन में हो रहा है। कार्यक्रम में 28 मार्च मंगलवार को राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया है जिसमे देश के तमाम नामागिरामी कवि शामिल होगे।

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