श्री कृष्ण जन्म कथा का आनंद लेते गुरु वशिष्ठ गुरुकुल के बटुक
अयोध्या। बेनीगंज फेस तीन में अष्टभुजी माता मन्दिर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आए प्रख्यात कथा प्रवक्ता आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे, वही आज के समय में धनवान व्यक्ति है। परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम से ही संभव हो सकती है।पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा कर स्तनपान कराने लगी। श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पूतना का वध कर उसका कल्याण किया। इसके बाद माता यशोदा जब भगवान श्रीकृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर घर लाती है, तो पंचगव्य गाय के गोबर व गोमूत्र से भगवान को स्नान कराती है। इसलिए सभी को गौ माता की सेवा, मां गायत्री का जाप व गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। गाय की सेवा मात्र से ही सभी देवी देवताओं की सेवा हो जाती है। आचार्य धरणीधर जी ने कहा ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा छोडकर गिर्राजजी की पूजा शुरू कर दी तो इंद्र ने कुपित होकर ब्रजवासियों पर मूसलाधार बारिश की। तब श्रीकृष्ण भगवान ने गिर्राज को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का मान मर्दन किया। तब इंद्र को भगवान की सत्ता का अहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमायाचना करते हुए कहा कि हे प्रभु मैं भूल गया था कि मेरे पास जो कुछ भी है वो सब कुछ आप का ही दिया है। इस दौरान गौवर्धन भगवान की झांकी ने सभी को अभिभूत कर दिया। कथा के आयोजक व यजमान प्रेमसागर बाहेती सहित श्रद्धालुओं ने गौवर्धन भगवान की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर मुख्य यजमान हरीराम पाण्डेय, हरी प्रसाद पाण्डेय, अयोध्या प्रसाद पाण्डेय,कालिका मिश्र,डा.दिलीप सिंह,आजाद सिंह, राम जग पाठक,भास्कर मिश्र,के एन सिंह,अटल त्रिपाठी, छट्ठू पाण्डेय, शिवकुमार सिंह,अमन विक्रम सिंह, अनिल सिंह मौजूद रहें।