रामनगरी का झूलनोत्सव हुआ चटक,बह रही गीत संगीत की त्रिवेणी

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August 29, 2023

मंदिर-मंदिर चल रहे झूलन उत्सव का उल्लास सर्वत्र बिखरने लगा

कनक भवन, लक्ष्मणकिला, सियाराम किला, मणिराम दास छावनी, हनुमत निवास,कोसलेश सदन  व रामवल्लभाकुंज समेत सौकड़ों मंदिरों में नयनाभिराम झूलन झांकी भास्वर हो उठी

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या का झूलनोत्सव अपने शबाब पर है। सावन झूला महोत्सव में मंदिर-मंदिर चल रहे झूलन उत्सव का उल्लास सर्वत्र बिखरने लगा है। एकादशी से यह उत्सव अपने चरम पर हो गया। श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के झूलनोत्सव में रामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से प्रतिदिन चिह्नित मंदिरों के संत-महंतों को आमंत्रित कर उन्हीं के सानिध्य में उत्सव मनाया जा रहा है। सायं बेला में आयोजित उत्सव में सांस्कृतिक रसधारा भी प्रवाहमान हो रही है। वहीं कार्यक्रम के अंत में ट्रस्ट की ओर से आम्त्रिरत संतों को अंगवस्त्रत्त्म भेंटकर सम्मानित किया जा रहा है।
प्रत्येक मन्दिरों में नयनाभिराम झूलन झांकी भास्वर हो उठी है। महीने भर के इस श्रृंगार उत्सव में अयोध्या की गली गली , हरभर , जनमन रामरस के रागरंग से लबालब भरने लगा है। इसी श्रृंखला में आचार्य पीठ श्री लक्ष्मणकिला में झूलनोत्सव का चटक हो गया है। भगवान रसिकेन्द बिहारी जू झूलन पर विराजमान है तो लक्ष्मणकिलाधीश उन्हें झूला रहें। पूरा मंदिर परिसर झूलन के पदों पर झूम रहा है। लक्ष्मणकिलाधीश महंत मैथली रमण शरण के सानिध्य में झूलनोत्सव की महफिल सज रही है। आचार्य पदों का गायन पूरे माहौल को और भी रसभरा कर रहा है। मंदिर के व्यवस्थापक सूर्य प्रकाश शरण पद गायन करने वाले संगीतज्ञों का सम्मान कर रहें है।
इसी तरह से कोशलेस सदन में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्याभाष्कर के यहां से शीर्षस्थ कलाकारों – गायकों के मुख से रसमयी धारा फूट रही है। मणिरामदास छावनी से कानों में रस घोलती कहरवा की धुन तेरी बांकी झुलनि पर वारी रे झूलन जोर हिया बिच कसकत मानहु हूल कटारी रे। रामवल्लभाकुंज जानकीघाट के स्वर्णजड़ित झूलन पर विराजमान युगल सरकार के सम्मुख मोहक मधुर तान छेड़ते है झूला झूलो मेरी प्यारी चारी जनक दुलारी ना, सुचि सुकुमारी रूप उजारी राजकुमारी ना हनुमत निवास से सरगम को स्वर – संगतियां मनमन्दिर में रसघोल देती है। शास्त्रत्त्ज्ञ आचार्य मिथिलेश नन्दिनी शरण भावविभोर होकर कलाकारों का सम्मान करते नजर आते हैं। आचार्य मिथिलेश नन्दिनी शरण कहते हैं कि परमात्मा रस से परिपूर्ण है। सावन का झूलन महोत्सव परमात्मा के उसी रस स्वरूप का दर्शन कराता है। वह कहते है कि इस सनातन परम्परा का अवगाहन करने के लिए अयोध्या में जनसमूह उमड़ने लगा है । उमड़ती  घुमड़ती घनघमण्ड की सघन घटनाएं परमात्मा के सुखद सम्मोहक रंगरूप को निहारने के लिए लालायित सी लगती हैं।

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