शिद्दत से शिरोधार्य हुए बाबा रामप्रसादाचार्य

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August 11, 2024

विन्दुगद्यायाचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य जी महाराज के अध्यक्षता में संत धर्माचार्यों ने किया नमन

अयोध्या। चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ जी के राज महल महल बड़ा स्थान के संस्थापक आचार्य पूज्य बाबा रामप्रसादाचार्य जी महाराज की जयंती पर रामनगरी के संत-महंतों ने उन्हें श्रद्धापूर्वक याद कर आचार्य श्री की मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन किया। दशरथ महल के वर्तमान महंत विन्दुगद्यायाचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य जी महाराज के अध्यक्षता में संतों ने किया नमन।इस अवसर पर संतों-महंतों व श्रद्धालुओं को विन्दु सम्प्रदाय के संस्थापक बाबा रामप्रसादाचार्य की जीवनगाथा सुनाई। उन्होंने कहा कि तीन सौ वर्ष पूर्व बाबा रामप्रसाद दास महाराज ने श्री जानकी की कठिन तपस्या कर उनकी कृपा प्राप्त की। श्री जानकी ने महाराज श्री को स्वयं अपने पैर के अंगूठे से तिलक लगाकर आशीर्वाद प्रदान किया था।
श्री महाराज जी की जयंती के अवसर पर दशरथ महल में अयोध्या के संतो महंतों ने महाराज जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और इस अवसर पर वर्तमान महंत विंदुगद्यायाचार्य स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य ने बताया कि एक बार महाराज जी संत परंपरा के अनुसार टीका लगाना भूल गए और मां जानकी प्रत्यक्ष रूप से प्रकट होकर के उनको टीका लगाया। उन्होंने बताया कि श्री महाराज जी को गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के अवतार स्वरूप में माना जाता है। महाराज जी के जयंती के अवसर पर आए सभी संतो महंतों का स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य के कृपापात्र शिष्य मंगलभवन पीठाधीश्वर महंत कृपालु राम भूषण दास जी स्वागत सत्कार किया। जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण,बड़ा भक्त माल पीठाधीश्वर महंत अवधेश दास, महंत बृजमोहन दास, महंत माधव दास,रंगमहल पीठाधीश्वर रामशरण दास, संकट मोचन सेना अध्यक्ष महंत संजय दास ,महंत शशिकांत दास, महंत मनीष दास, महंत राम कुमार दास,महंत रामनरेश शरण, महंत जयराम दास, हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास,पेड़ा महराज, सहित सैकड़ों महंतों ने स्वामी जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किए।

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