अयोध्या में रामनाम जप महायज्ञ चरमोत्कर्ष पर, संत-महंतों के सान्निध्य : श्रीराम महायज्ञ व भागवत कथा का हुआ विश्राम,चारुशिला मंदिर में उमड़ा रामभक्तों का जनसैलाब

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Mon, Oct 13, 2025
अयोध्या में रामनाम जप महायज्ञ चरमोत्कर्ष पर, संत-महंतों के सान्निध्य में उमड़ा आस्था का सागर
श्रीराम महायज्ञ व भागवत कथा का हुआ विश्राम,चारुशिला मंदिर में उमड़ा रामभक्तों का जनसैलाब
अयोध्या। श्रीरामहर्षण मैथिली सख्य पीठ धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट एवं श्रीरामहर्षणम चारुशीला मंदिर, जानकी घाट परिसर में चल रहा श्रीराम महायज्ञ रामार्चा पूजन एवं श्रीराम नाम जप अनुष्ठान चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया है। नौ दिवसीय यह भक्ति पर्व, जो गत 5 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ था, का समापन आगामी मंगलवार को विधि-विधानपूर्वक संपन्न होगा।इस दौरान देशभर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचकर धर्ममय वातावरण में शामिल हुए। श्रद्धालुओं ने यज्ञ अनुष्ठान में भाग लेकर, मंदिरों में दर्शन-पूजन कर स्वयं को धन्य किया। महोत्सव की पावन अध्यक्षता कर रहें जगतगुरु श्रीमद् रामानंदाचार्य स्वामी वल्लभाचार्य जी महाराज ने बताया कि यह अनुष्ठान गुरुदेव भगवान अनंत श्री विभूषित श्रीमद् रामहर्षण देवाचार्य जी महाराज के आशीर्वाद से व सान्निध्य में आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह श्रीराम नाम जप महामंत्र अनुष्ठान की रजत जयंती के उपलक्ष्य में किया जा रहा है और अब अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर है।
अनुष्ठान में देशभर से आए संत-महंतों ने भी सहभागिता की। मलूकपीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास देवाचार्य महाराज की कथा में हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि कथा अमृत कलश के समान है, जहां भी सुनी जाए, जीव का कल्याण करती है, परंतु यदि यह कथा अवध धाम में सुनी जाए, जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ, तो उसका पुण्य अनंतगुणा बढ़ जाता है।स्वामी राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि जगतगुरु वल्लभाचार्य जी महाराज ने अयोध्या धाम में श्रीराम नाम जप अनुष्ठान का महाकुंभ रच दिया है। यहां सुबह से लेकर देर रात तक भक्ति, कथा और यज्ञ की ध्वनि गूंजती रहती है। श्रद्धालु जहां कथा अमृत का पान करते हैं, वहीं देशभर से आए तपस्वी महापुरुषों के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य बना रहे हैं।उन्होंने कहा कि वास्तव में यह आयोजन “एक पंथ दो कार्य” सिद्ध कर रहा है — भक्तजन कथा श्रवण के साथ यज्ञ अनुष्ठान में भाग ले रहे हैं और महात्माओं के दर्शन से आत्मिक शांति पा रहे हैं। आज की कथा में तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य, दिगंबर अखाड़ा के महंत राम लखन दास सहित सैकड़ो की संख्या में संत महंत हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।
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